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Painkiller, Antibiotics समेत जरूरी दवाएं आज से 12 फीसदी तक महंगी हुईं

Medicine Price Hike: एक अप्रैल 2023 यानी आज से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है। देश में शनिवार से काफी बदलाव होंगे। इनमें एक दवाइयों का सेक्टर भी है। पेनकिलर से लेकर एंटीबायोटिक दवाओं तक सभी जरूरी दवाएं महंगी होने जा रही हैं। ब्लूमबर्गक्विंट के मुताबिक, 1 अप्रैल से कुछ आवश्यक और जीवन रक्षक […]

Edited By : Nitin Arora | Updated: Apr 1, 2023 14:13
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Medicine Price Hike: एक अप्रैल 2023 यानी आज से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो गया है। देश में शनिवार से काफी बदलाव होंगे। इनमें एक दवाइयों का सेक्टर भी है। पेनकिलर से लेकर एंटीबायोटिक दवाओं तक सभी जरूरी दवाएं महंगी होने जा रही हैं। ब्लूमबर्गक्विंट के मुताबिक, 1 अप्रैल से कुछ आवश्यक और जीवन रक्षक दवाओं की कीमत 12% से अधिक बढ़ सकती है।

आवश्यक दवाओं की कीमतों को राष्ट्रीय फार्मास्युटिकल मूल्य निर्धारण प्राधिकरण द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जो वर्ष के दौरान थोक मुद्रास्फीति के आधार पर दवा दरों की ऊपरी सीमा में बदलाव की घोषणा करता है। 25 मार्च को जारी एक अधिसूचना में, एजेंसी ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक में वार्षिक परिवर्तन 12.12% था।

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384 से अधिक आवश्यक दवाओं के रेट बढ़ें

रिपोर्ट के अनुसार, एंटीबायोटिक्स, पेनकिलर और हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली 384 से अधिक आवश्यक दवाओं पर 1 अप्रैल से रेट बढ़ जाएंगे। 12 फीसदी की यह अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी मानी जा रही है। हालांकि, दवा कंपनियां ऊपरी सीमा तक अपने उत्पादों की कीमतों में वृद्धि नहीं करने का विकल्प चुन सकती हैं।

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द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पहले जब 10% बढ़ोतरी की अनुमति दी गई थी, तो कई निर्माताओं ने बाजार को देखते हुए दर को 5% से कम रखा था।’ ऐसे में इस बार भी कंपनियां अपनी दवा ज्यादा बेचने के लिए दूसरी कंपनियों को देखते हुए कम दाम तय कर सकती है।

पिछले साल नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी ने आवश्यक दवाओं की कीमतों में 10.7% की बढ़ोतरी की अनुमति दी थी। यह 10.7% की बढ़ोतरी काफी ऊपर थी, क्योंकि वित्तीय वर्ष 2018 और 2022 के बीच कीमतों को केवल 0.5% से 4.2% की सीमा में बढ़ाने की अनुमति दी गई थी।

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First published on: Apr 01, 2023 06:15 AM

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