अब तक आप अपने बच्चों को अब तक तीन रंगों वाली ट्रैफिक लाइट के रूल समझाते रहे हैं, तो हो सकता है कि जल्द ही आपको चार रंगों वाली ट्रैफिक लाइट के बारे में बताना पड़े. जी हां, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में ये दावा किया गया है कि भारत में जल्द ही 4 रंगों वाली ट्रैफिक लाइट लागू होगी.
कई रिपोर्टों में दावा किया गया है कि जल्द ही सड़क चौराहों पर लाल, पीले और हरे रंग के साथ एक सफेद सिग्नल भी जोड़ा जाएगा. इन रिपोर्टों के अनुसार, सफेद लाइटें ऑटोमेटिक कारों के लिए होंगी. हालांकि इस वायरल पोस्ट में जो दावा किया जा रहा है, उसमें कितनी सच्चाई है, इसके बारे में अभी तक परिवहन अधिकारियों की तरफ से क्या कहा गया है, आइये जानते हैं.
फरवरी 2023 में नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, जिसमें ये कहा गया है कि जब ऑटोनोमस गाड़ियां (एवी) वास्तविकता का हिस्सा बनेंगी तब ट्रैफिक सिग्नल में चौथा कलर, चौराहों पर होने वाली देरी से बचाएगा और सुगम बनाने में मदद करेगा. हालांकि शोधकर्ताओं ने खुद ही इस बात को स्पष्ट किया है कि ये कॉन्सेप्ट अभी रिसर्च स्टेज पर है और इसे किसी भी सरकार द्वारा अनुमोदित यातायात प्रणाली का हिस्सा नहीं बनाया गया है.
सफेद ट्रैफिक लाइट को लेकर क्या कहते हैं एक्सपर्ट
परिवहन विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक सड़कों पर स्वचालित वाहनों का प्रभुत्व स्थापित होने में दशकों लगेंगे. तब तक, चार रंगों वाली ट्रैफिक लाइट सिस्टम का कोई व्यावहारिक उपयोग नहीं है. हालांकि सफेद लाइट वाला सिद्धांत एक विश्वसनीय शोध है, फिर भी यह एक प्रायोगिक विचार है, न कि एक पुष्ट नीति. इसके वास्तविक दुनिया में संभावित कार्यान्वयन से पहले और अधिक परीक्षण, तकनीकी प्रगति और अंतर्राष्ट्रीय नियामक अनुमोदन की आवश्यकता है.
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एनसी स्टेट के शोधकर्ताओं का कहना है कि उनके प्रस्ताव को भविष्य के चौराहों के काम करने के तरीके की एक झलक के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि इसे आज लागू करने के लिए तैयार किसी चीज के रूप में. फिलहाल, इस प्रणाली को सार्वजनिक सड़कों पर परीक्षण करने के बजाय सिमुलेशन और अकादमिक मॉडलों में परिष्कृत किया जा रहा है.
तो, क्या एक नई सफेद ट्रैफिक लाइट शुरू की जा रही है? जवाब है, नहीं, अभी नहीं. यह अवधारणा नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के वैध शोध पर आधारित है, लेकिन किसी भी राष्ट्रीय या स्थानीय प्राधिकरण ने इसे नहीं अपनाया है. भविष्य में जब स्वचालित कारें ज्यादा आम हो जाएंगी, तब ट्रैफिक प्रबंधन के लिए यह एक आशाजनक विचार बना हुआ है.










