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Konark Sun Temple: G-20 समिट में भारत ने दिखाया कोणार्क चक्र, जानें इसकी खासियत

Konark Sun Temple: भारत अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों और भव्य मंदिरों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ओडिशा में एक ऐसा मंदिर है, जो सूर्य देव को समर्पित है। G-20 सम्मेलन के प्रतिनिधियों के स्वागत के दौरान भारत मंडपम के बैकग्राउंड में एक बड़ा पहिया लगाया गया था, जिसके बारे में जानने के लिए […]

Edited By : Mahak Singh | Updated: Sep 10, 2023 23:07
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Konark Sun Temple

Konark Sun Temple: भारत अपनी संस्कृति, ऐतिहासिक स्थलों और भव्य मंदिरों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ओडिशा में एक ऐसा मंदिर है, जो सूर्य देव को समर्पित है। G-20 सम्मेलन के प्रतिनिधियों के स्वागत के दौरान भारत मंडपम के बैकग्राउंड में एक बड़ा पहिया लगाया गया था, जिसके बारे में जानने के लिए कई लोग उत्सुक थे। यह पहिया ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर के कोणार्क चक्र का प्रतिरूप है। कोणार्क सूर्य मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर को पद्म क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल है। आइए जानते हैं इस मंदिर से जुड़ी खास बातें और कैसे यहां दर्शन के लिए जा सकते हैं।

यह मंदिर सूर्य देव को समर्पित है

कोणार्क ओडिशा के स्वर्ण त्रिभुज का हिस्सा है, जिसमें पुरी और भुवनेश्वर भी शामिल हैं। इस मंदिर की भव्यता देखने लायक है। यह मंदिर सूर्य देव के रथ जैसा दिखता है जिसमें 12 जोड़ी पहिए और सात घोड़े हैं जो इसे खींच रहे हैं। कोणार्क व्हील यहां का मुख्य आकर्षण है। यह सन डायल की तरह काम करता है और माना जाता है कि यह सटीक समय दिखाता है। यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल है। इसका निर्माण 1250 ई. में राजा नरसिम्हादेव ने करवाया था। बारह पहिए वर्ष के बारह महीनों का प्रतिनिधित्व करते हैं और पहिए के भीतर आठ डायल दिन के आठ पहर का प्रतिनिधित्व करते हैं। खूबसूरत कलाकृतियों से सुसज्जित यह मंदिर वास्तुकला और नक्काशी का अद्भुत उदाहरण है।

मंदिर की खासियत

मंदिर प्रांगण नृत्य मंडप और जगमोहन में विभाजित है। सुरक्षा कारणों से मंदिर के मुख्य भाग में प्रवेश करना मना है। इसके अलावा आप यहां और भी कई चीजें देख सकते हैं. जो इस मंदिर को आकर्षक बनाती हैं। मंदिर के बगल के हिस्सों में बारह जोड़ी पहिए बने हैं, जिन पर अलग-अलग तरह की आकृतियां बनी हैं। प्रत्येक पहिये पर बनी आकृति का अपना-अपना महत्व है।

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इसके अलावा यहां 5 गैलेरी भी है, जहां आप ऐतिहासिक कलाकृतियां देख सकते हैं। यहां से चंद्रभाग बीच और अष्टरंग बीच भी पास में हैं, जहां के बेहद खूबसूरत सूर्योदय और सूर्यास्त का आनंद लेकर आप अपनी यात्रा को और भी यादगार बना सकते हैं।

ऐसे पहुंचें इस मंदिर तक

कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा के पुरी जिले में स्थित है। यह ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है। बहुत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के कारण यहां परिवहन सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हैं। पुरी तक पहुंचने के लिए आप ट्रेन या फ्लाइट बुक करके आ सकते हैं फिर आप पुरी से टैक्सी या बस लेकर यहां तक आसानी से पहुंच सकते हैं।

यहां आने का बेस्ट समय

यहां आने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी तक है। समुद्र के नजदीक होने के कारण इस समय यहां का मौसम काफी सुहावना रहता है। यहां घूमने का समय सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक है।

First published on: Sep 10, 2023 11:07 PM

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