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ब्रह्मा-विष्णु-शिव के अवतार हैं भगवान दत्तात्रेय, इनकी आराधना से प्राप्त होती हैं तांत्रिक सिद्धियां

Dattatreya Bhagwan: हिंदू शास्त्रों में अक्सर धर्म की रक्षा के लिए देवताओं द्वारा मानव अवतार लिए जाने की कथाएं मिलती हैं। परन्तु कई बार भगवान भक्त की इच्छापूर्ति और लीला रचने हेतु भी अवतार लेते हैं। भगवान दत्तात्रेय भी एक ऐसा ही अवतार है। जानिए उनके बारे में प्राचीन कथाओं के अनुसार एक बार ऋषि […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Aug 23, 2023 16:32
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Dattatreya Bhagwan: हिंदू शास्त्रों में अक्सर धर्म की रक्षा के लिए देवताओं द्वारा मानव अवतार लिए जाने की कथाएं मिलती हैं। परन्तु कई बार भगवान भक्त की इच्छापूर्ति और लीला रचने हेतु भी अवतार लेते हैं। भगवान दत्तात्रेय भी एक ऐसा ही अवतार है। जानिए उनके बारे में

प्राचीन कथाओं के अनुसार एक बार ऋषि अत्रि की पत्नी अनुसूइया कठोर तप करने लगीं। तब भगवान शिव, ब्रह्मा तथा विष्णु ने देवताओं के कहने पर उनकी परीक्षा का निश्चय किया। वे तीनों सन्यासी के वेश में देवी अनुसूइया के पास पहुंचे तथा उनके भिक्षा देने का आग्रह किया। तीनों देवताओं ने कहा कि वे तभी भिक्षा लेंगे जब देवी अनुसूइया निर्वस्त्र होकर देंगी।

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उनकी यह शर्त सुनकर देवी अनुसूइया ने तुरंत ही जल लिया और मंत्र पढ़ते हुए उन तीनों देवताओं पर डाल दिया। ऐसा करते ही ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों ही शिशु रूप में बदल गए। इस प्रकार देवी अनुसूइया उनका लालन-पालन करने लगी। यहीं तीनों देव दत्तात्रेय के रूप में भी प्रकट हुआ जिनके तीन मुख, छह भुजाएं तथा एक शरीर था। उनके प्राकट्य दिवस को दत्तात्रेय जयंती के रूप में भी मनाया जाता है।

कुल 24 गुरु थे भगवान दत्तात्रेय के (Dattatreya Bhagwan)

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान दत्तात्रेय के कुल 24 गुरु बताए गए हैं। इनके नाम क्रमश: (1) पृथ्वी, (2) जल, (3) वायु, (4) अग्नि, (5) आकाश, (6) सूर्य, (7) चन्द्रमा, (8) समुद्र, (9) अजगर, (10) कपोत, (11) पतंगा, (12) मछली, (13) हिरण, (14) हाथी, (15) मधुमक्खी, (16) शहद निकालने वाला, (17) कुरर पक्षी, (18) कुमारी कन्या, (19) सर्प, (20) बालक, (21) पिंगला वैश्या, (22) बाण बनाने वाला, (23) मकड़ी तथा (24) भृंगी कीट हैं।

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तंत्र में माना गया है सर्वोच्च गुरु

तंत्र परंपरा में भगवान दत्तात्रेय को समस्त विद्याओं का ज्ञाता तथा आदिगुरु कहा गया है। उन्होंने कई मंत्रों की भी रचना की है तथा जगत में तंत्र शास्त्र का प्रचार-प्रसार किया। आज भी यदि किसी व्यक्ति को गुरु न मिलें तो उसे दत्तात्रेय को ही गुरु मानकर साधना करने के निर्देश दिए जाते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: May 29, 2023 12:38 PM

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