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Prem Vivah ke Upay: प्रेम विवाह करने के लिए आज ही करें यह अचूक उपाय

Prem Vivah ke Upay: कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि युवा चाह कर भी प्रेम विवाह नहीं कर पाते। ऐसे समय में यदि वे ज्योतिष के कुछ बहुत ही आसान से उपाय करें तो उनकी समस्या हल हो सकती है। शास्त्रों में प्रेम विवाह के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Feb 9, 2023 18:02
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Prem Vivah ke Upay: कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि युवा चाह कर भी प्रेम विवाह नहीं कर पाते। ऐसे समय में यदि वे ज्योतिष के कुछ बहुत ही आसान से उपाय करें तो उनकी समस्या हल हो सकती है। शास्त्रों में प्रेम विवाह के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं जो पूरी तरह से निःशुल्क हैं, जिन्हें करना आसान है। सबसे बड़ी बात, इन्हें कोई भी कर सकता है। जानिए ऐसे ही एक उपाय के बारे में

प्रेम विवाह के लिए करें ये उपाय (Prem Vivah ke Upay)

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स्कन्द पुराण में जगतमाता देवी आद्य भगवती की स्तुति की गई है। इसे श्रीजानकीस्तुतिः नाम से संकलित किया गया है। जयपुर के ज्योतिषी मोहर सिंह के अनुसार यदि भगवान राम और सीताजी की पूजा कर प्रतिदिन इस श्रीजानकीस्तुतिः का 108 बार जप करना चाहिए। इस उपाय से प्रेम विवाह के रास्ते में आ रही सभी अड़चनें टल जाती हैं। इसके अलावा व्यक्ति के जीवन में किसी भी तरह का कोई भी कष्ट हों, चाहे वो अशुभ ग्रहों की वजह से हो, शत्रुओं की वजह से हों या किसी अन्य कारण से, सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं।

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श्रीजानकीस्तुतिः (Shri Janaki Stuti)

जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम् ॥1॥

दारिद्र्यरणसंहत्रीं भक्तानाभिष्टदायिनीम् ।
विदेहराजतनयां राघवानन्दकारिणीम् ॥2॥

भूमेर्दुहितरं विद्यां नमामि प्रकृतिं शिवाम् ।
पौलस्त्यैश्वर्यसन्त्री भक्ताभीष्टां सरस्वतीम् ॥3॥

पतिव्रताधुरीणां त्वां नमामि जनकात्मजाम् ।
अनुग्रहपरामृद्धिमनघां हरिवल्लभाम् ॥4॥

आत्मविद्यां त्रयीरूपामुमारूपां नमाम्यहम् ।
प्रसादाभिमुखीं लक्ष्मीं क्षीराब्धितनयां शुभाम् ॥5॥

नमामि चन्द्रभगिनीं सीतां सर्वाङ्गसुन्दरीम् ।
नमामि धर्मनिलयां करुणां वेदमातरम् ॥6॥

पद्मालयां पद्महस्तां विष्णुवक्षस्थलालयाम् ।
नमामि चन्द्रनिलयां सीतां चन्द्रनिभाननाम् ॥7॥

आह्लादरूपिणीं सिद्धि शिवां शिवकरी सतीम् ।
नमामि विश्वजननीं रामचन्द्रेष्टवल्लभाम् ।
सीतां सर्वानवद्याङ्गीं भजामि सततं हृदा ॥8॥

इति श्रीस्कन्दमहापुराणे सेतुमाहात्म्ये श्रीजानकीस्तुतिः सम्पूर्णा ।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के ज्ञान पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। news24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Feb 09, 2023 02:12 PM

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