Trendinglok sabha election 2024IPL 2024UP Lok Sabha ElectionNews24PrimeBihar Lok Sabha Election

---विज्ञापन---

Jitiya Vrat 2022: जीवित्पुत्रिका व्रत पर आज बन रहे हैं कई शुभ संयोग, जानिए- शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत तमाम जानकारी

Jitiya Vrat 2022: आज जितिया का पावन व्रत है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) भी कहा जाता है। जबकि कई जगहों पर इसे जिउतपुत्रिका, जिउतिया और ज्युतिया कहा जाता है। आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका  मनाया जाता है। सनातन धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत […]

Edited By : Pankaj Mishra | Updated: Sep 19, 2022 12:44
Share :

Jitiya Vrat 2022: आज जितिया का पावन व्रत है। इसे जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) भी कहा जाता है। जबकि कई जगहों पर इसे जिउतपुत्रिका, जिउतिया और ज्युतिया कहा जाता है। आश्विन महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका  मनाया जाता है। सनातन धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। यह व्रत संतानी की लंबी आयु और समृद्धि के लिए रखा जाता है।

आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को माताएं अपने बच्चों की लंबी, उम्र, सेहत और सुखमयी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। तीज की तरह यह व्रत भी बिना आहार और निर्जला किया जाता है।

अभी पढ़ें इन्हें होगा धन-संपत्ति का लाभ तो इनके जीवन आएगी खुशियां, मेष से मीन तक यहां जानें सभी 12 राशियों का आज का राशिफल

जीवित्पुत्रिका व्रत पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं (Jivitputrika Vrat Shubh Sanyog)

इस साल जीवित्पुत्रिका यानी जितिया व्रत पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इस दिन यानी 18 सितंबर की सुबह से 06.34 मिनट तक सिद्धि योग है। जबकि सुबह 11.51 बजे से दोपहर 12.40 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है। वहीं सुबह 09.11 बजे से दोपहर 12.15 बजे तक अमृत और लाभ मुहूर्त है।

जितिया व्रत  शुभ मुहूर्त (Jivitputrika Vrat Shubh Muhurt)

इस साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 17 और 18 सितंबर दोनों दिन है। ऐसे में जितिया व्रत को लेकर लोगों में संशय की स्थिति है। पंचांग के मुताबिक आश्विन कृष्ण की अष्टमी तिथि 17 सितंबर को दोपहर 2:14 से आरंभ होकर 18 सितंबर को दोपहर 4:32 बजे समाप्त होगी। ऐसे में शास्त्रों के जानकारों के मुताबिक 17 सितंबर 2022 को नहाए-खाय होगा और अगले दिन यानी 18 सितंबर को जितिया निर्जला व्रत रखा जाएगा। इसके बाद 19 सितंबर को सूर्योदय के बाद इस व्रत का पारण होगा।

जीवित्पुत्रिका व्रत पूजन की विधि (Jivitputrika Vrat Puja Vidhi)

  1. सुबह स्नानादि के बाद व्रत का संकल्प लें और गाय के गोबर से पूजा स्थल को लीपकर साफ करें।
  2. शालिवाहन राजा के पुत्र धर्मात्मा जीमूतवाहन की प्रतिमा जल के पात्र में स्थापित करें।
  3. उन्हें रोली, दीप और धूप अर्पित कर भोग लगाएं।
  4. इस व्रत में प्रसाद और रंग-बिरंगे धागे अर्पित किए जाते हैं।
  5. संतान को सुरक्षा कवच के रूप में धागे पहनाएं और लंबी आयु की कामना करते हुए उन्हें आशीर्वाद दें।

अभी पढ़ें घर में इस दिशा में घड़ी लगाने से मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न, धन की कभी नहीं होती है कमी

जीवित्पुत्रिका व्रत विधि (Jivitputrika Vrat Vidhi)

आश्विन मास की अष्टमी तिथि को जितिया व्रत किया जाता है। यह उत्सव 3 दिनों तक चलता है। व्रत के एक दिन पहले ही यानी सप्तमी तिथि को नहाय खाय मनाया जाता है। अष्टमी तिथि लगते ही स्त्रियां निर्जला व्रत शुरु कर देती हैं। अष्टमी तिथि को पूरा दिन रात स्त्रियां बिना अन्न, जल और फल खाए रहती हैं। फिर अगले दिन यानि नवमी तिथि लगने पर जितिया व्रत का पारण किया जाता है। यहां पारण का मतलब व्रत खोलने से है। नवमी तिथि को शुभ मुहूर्त में व्रत खोला जाता है। व्रत खोलने से पहले दान-दक्षिणा निकाली जाती है। फिर उसके बाद ही व्रती स्त्री कुछ खा या पी सकती है।

अभी पढ़ें – आज का राशिफल यहाँ पढ़ें

Click Here – News 24 APP अभी download करें

First published on: Sep 18, 2022 06:01 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

---विज्ञापन---

संबंधित खबरें
Exit mobile version