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Jaya Ekadashi: 1 फरवरी को ऐसे करें जया एकादशी का व्रत, बड़ी से बड़ी इच्छा भी पूरी होगी

Jaya Ekadashi: माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी भी कहा जाता है। इस बार यह व्रत 1 फरवरी 2023 को आ रहा है। इस दिन बुधवार भी होने से विशेष योग बन रहा है। ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्त दुख, दर्द समाप्त हो जाते […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Jan 28, 2023 16:56
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Jaya Ekadashi: माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी भी कहा जाता है। इस बार यह व्रत 1 फरवरी 2023 को आ रहा है। इस दिन बुधवार भी होने से विशेष योग बन रहा है। ज्योतिषशास्त्रियों के अनुसार जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्त दुख, दर्द समाप्त हो जाते हैं। इसके प्रभाव से उसे सभी प्रकार के ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत करने से व्यक्ति यदि पिशाच योनि में हो तो भी मुक्त हो जाता है। इस एक व्रत से समस्त पापों का नाश होकर अश्वमेघ यज्ञ करने का पुण्य प्राप्त होता है। यही कारण है कि इसे समस्त एकादशियों में प्रमुख कहा गया है।

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ये हैं जया एकादशी पर पूजा मुहूर्त (Jaya Ekadashi Puja Muhurat)

एकादशी तिथि 31 जनवरी को आरंभ होकर 1 फरवरी तक रहेगी। परन्तु वैदिक परंपरा में उदय होते सूर्य में ही किसी भी तिथि का आगमन माना जाता है। इसी कारण एकादशी 1 फरवरी को मनाई जाएगी। जानिए मुहूर्त व शुभ योगों के बारे में

एकादशी आरंभ होने का समय – 31 जनवरी, 2023 (मंगलवार) को दोपहर 11.55 बजे
एकादशी समापन का समय – 1 फरवरी, 2023 (बुधवार) को दोपहर 2.01 बजे

सर्वार्थ सिद्धि योग – 1 फरवरी 2023 को प्रातः 7.10 बजे से अर्द्धरात्रि बाद 3.23 बजे तक
इंद्र योग – 1 फरवरी 2023 को ब्रह्म मुहूर्त से लेकर सुबह 11.30 बजे तक

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ऐसे करें जया एकादशी का व्रत (Jaya Ekadashi Vrat Vidhi)

इस दिन सुबह जल्दी उठ कर ब्रह्म मुहूर्त में ही स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। वस्त्र यदि सफेद या पीले हो तो बेहतर होगा, अन्यथा हल्के रंग धारण करें। काले, नीले, आदि रंग के वस्त्र न पहनें। इसके बाद भगवान श्रीहरि की मां लक्ष्मी सहित पूजा करें। उन्हें पीले रंग के पुष्प, माला, फल, मिठाई आदि भेंट करें। इस दिन व्रत रखें। सायं काल में तुलसी के पौधे के निकट देसी घी का दीपक भी जलाएं। यथासंभव अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य करें।

इस एकादशी के व्रत से मिलता है यह फल

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को करने से व्यक्ति समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। उसे कुबेर के समान धन तथा संपदा की प्राप्ति होती है। यही नहीं, वह इस संसार में सुख भोगकर मृत्यु पश्चात स्वर्ग भी प्राप्त करता है। अतः हमारे बड़े-बुजुर्ग इस व्रत को अवश्य करने की सलाह देते हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Jan 28, 2023 04:26 PM

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