Trendingup board resultlok sabha election 2024IPL 2024UP Lok Sabha ElectionNews24PrimeBihar Lok Sabha Election

---विज्ञापन---

एकादशी पर ऐसे करें भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा तो होगी भगवान की कृपा

Kamada Ekadashi Vrat Puja Vidhi: आज शनिवार को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी अथवा कामदा एकादशी का व्रत है। इस व्रत को करने से भक्तों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और वह समस्त सुखों को प्राप्त करता है। मृत्यु के पश्चात भी उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान […]

Edited By : Sunil Sharma | Updated: Apr 1, 2023 10:27
Share :

Kamada Ekadashi Vrat Puja Vidhi: आज शनिवार को चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी अथवा कामदा एकादशी का व्रत है। इस व्रत को करने से भक्तों के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और वह समस्त सुखों को प्राप्त करता है। मृत्यु के पश्चात भी उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु के निमित्त व्रत व पूजा की जाती है। जानिए एकादशी व्रत की तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में

यह भी पढ़ें: आज पूरे दिन में कभी भी एक बार पढ़ें लक्ष्मी जी का यह मंत्र, पैसा बरसने लगेगा

एकादशी व्रत तिथि एवं मुहूर्त

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी शनिवार को पूरे दिन रहेगी। इस दिन अश्लेषा और मघा नक्षत्र रहेंगे। सुबह 7.51 बजे से 9.25 बजे तक शुभ का चौघड़िया रहेगा। इस दिन सुबह 6.18 बजे से अगले दिन सुबह 4.48 बजे तक रवि योग रहेगा। इन मुहूर्तों में भगवान विष्णु की पूजा करना प्रशस्त बताया गया है। आप पूजा के अलावा अन्य सभी मांगलिक कार्य भी इन मुहूर्तों में कर सकते हैं।

ऐसे करें कामदा एकादशी की पूजा (Kamada Ekadashi Vrat Puja Vidhi)

कामदा एकादशी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह जल्दी उठ कर स्नान कर ब्रह्म मुहूर्त में ही भगवान की पूजा करनी चाहिए। पूजा के लिए स्नान के बाद साफ, स्वच्छ, धुले हुए वस्त्र पहनें। प्रयास करें कि कम से कम एक वस्त्र पीला या केसरिया हो। गहरे रंग के कपड़े न पहनें। घर के मंदिर में यदि भगवान विष्णु का चित्र या प्रतिमा है तो उनकी पूजा करें। अन्यथा अपने निकट के किसी विष्णु मंदिर में जाएं।

यह भी पढ़ें: एकादशी पर करें ये उपाय तो खरीद पाएंगे खुद की प्रोपर्टी, यह है तरीका

वहां लक्ष्मीजी सहित भगवान विष्णु की प्रतिमा का पंचगव्य से अभिषेक कर पंचोपचार पूजा करें। उन्हें पीला चंदन, जनेऊ, गंध, अक्षत, पीताम्बर, धूप, दीपक, नैवेद्य पान आदि अर्पित करें। तत्पश्चात् वहीं पर बैठकर भगवान श्रीहरि के महामंत्र ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का कम से कम 108 बार जप करें। पूरे दिन व्रत रखें एवं सायं काल में फलाहार लेकर व्रत खोलें। यदि संभव हो तो इस दिन गरीबों व भिखारियों को भी कुछ न कुछ खाने के लिए दान करें। इस दिन श्रीमद्भागवत के किसी भी एक अध्याय का पाठ करें। इस तरह व्रत करना भक्तों के समस्त कष्टों को दूर कर देता है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

First published on: Apr 01, 2023 10:24 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

---विज्ञापन---

संबंधित खबरें
Exit mobile version